top of page

"अजातशत्रु" जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक ऐतिहासिक नाटक है, जिसमें प्राचीन भारत के मगध नरेश अजातशत्रु के जीवन संघर्ष और आत्मविरोध को अत्यंत संवेदनशीलता से चित्रित किया गया है। नाटक में राजनीति, धर्म, और मानवीय संवेदनाओं का अद्भुत समन्वय है। प्रसाद ने अजातशत्रु के माध्यम से उस द्वंद्व को सामने रखा है जो एक राजा के कर्तव्य और एक मनुष्य की करुण्य के बीच उत्पन्न होता है। कहानी में बिम्बिसार, वेदेही, और गौतम बुद्ध जैसे पात्रों के माध्यम से उस युग के वैचारिक संघर्ष को दर्शाया गया है।

यह नाटक न केवल ऐतिहासिक घटनाओं का चित्रण करता है, बल्कि मानव मन की गहराइयों में उतरकर नैतिकता, करुणा और विवेक की खोज भी प्रस्तुत करता है। भाषा काव्यमयी, संवाद प्रभावशाली और नाट्य-संरचना अत्यंत सशक्त है रुद्र को इसे हिन्दी नाट्य साहित्य की अमर कृति बनाती है।

जयशंकर प्रसाद (1889-1937) हिन्दी साहित्य के छायावाद युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। ये कवि, नाटककार, कहानीकार और उपन्यासकार चारों रूपों में प्रतिभाशाली रचनाकार थे।

उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं -

काव्यः कामायनी, आँसू, झरना

नाटकः ध्रुवस्वामिनी, चंद्रगुप्त, स्कंदगुप्त, राज्यश्री, और अवातशत्रु

कहानी संग्रहः इंद्रजाल, आँसू, प्रेमषधिक

उनके साहित्य में भारतीय संस्कृति, मानवता, करुणा और नैतिक चेतना का अद्‌भुत संगम मिलता है। प्रसाद जी ने इतिहास और कल्पना को मिलाकर हिन्दी नाट्य साहित्य को नई ऊँचाई थी।

उनकी रचनाएँ आज भी न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि भारतीय जीवन-मूल्यों की गहन अलक प्रस्तुत करती हैं।

अजातशत्रु

SKU: 9789349908208
₹450.00 Regular Price
₹405.00Sale Price
Quantity
  • 116

Related Products

bottom of page