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डॉ. प्रमोद कुमार अग्रवाल बरुआसागर, जिला झाँसी में सन् 1950 में जन्में डॉ. प्रमोद कुमार अग्रवाल हिन्दी साहित्य के प्रतिष्ठित उपन्यासकार हैं । भारतीय प्रशासनिक सेवा, पश्चिम बंगाल संवर्ग में लंबे समय तक कार्यरत रहने के उपरान्त पूर्ण रूप से साहित्य सृजन में समर्पित ।

उनके पन्द्रह उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें पश्चिम बंगाल पृष्ठ भूमि पर उपन्यास हैं साहिबगंज की बहू, पृथ्वी की पीड़ा, प्रकाश तथा ऐतिहासिक उपन्यास काले हीरों का पंचकोट राज, तथा महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर 'झाँसी की वीरांगना' प्रमुख हैं । उनके तीन कहानी संग्रह तथा चार निबंध संग्रह भी प्रकाशित हैं । 'भगवद्‌गीता : नाट्यरुप' और 'रामचरितमानस : नाट्यरुप' पुस्तकें भारतीय संस्कृति पर चर्चित रहीं । 'वेदों में युद्धकला', 'भारत का संविधान' एवं 'सुप्रीम कोर्ट के 85 ऐतिहासिक जजमेन्ट्स' अंग्रेजी में उनकी लोकप्रिय कृतियाँ हैं । हिन्दी में साठ तथा अंग्रेजी में बीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित ।

साहित्यकार संसद, प्रयागराज, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सम्मानित, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा साहित्य महोपाध्याय की उपाधि से विभूषित तथा उ.प्र. हिन्दी संस्थान, उ.प्र. सरकार, लखनऊ द्वारा उन्हें हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए साहित्य भूषण पुरस्कार (2021) से पुरस्कृत लेखक हैं डॉ. अग्रवाल ।

संपर्क : 432, सी.पी. मिशन कंपाउंड, सिविल लाइन्स, झाँसी-284003

ई-मेल : pk_usha@rediffmail.com

शिवम की पौधशाला

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